27 अप्रैल 23, मुरादाबाद। महिलाओं को सत्ता में हिस्सेदारी देने, समाज में सहभागिता बढ़ाने के साथ महिलाओं को तरक्की की राह पर लाने के साथ मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। अबला को सबला बनाने की कोशिश फिलहाल भोजपुर में दम तोड़ दिखाई दे रही हैं। यहां भाजपा ने पहली मर्तबा मुस्लिम कंडीडेट उतारकर नया प्रयोग किया है इसलिए यहां सभी महिला उम्मीदवार मुसलमान हैं। यहां चुनाव दिलचस्प हो रहा है, लेकिन एक को छोड़कर कोई भी प्रत्याशी मंच पर नहीं दिखाई दी है। मंचों पर उम्मीदवार के शौहर ही प्रत्याशी की तरह दिखाई देते हैं और तकरीर में वादे और इरादे भी करते हैं।
दस प्रत्याशी हैं मैदान में
भोजपुर धर्मपुर नगर पंचायत में करीब 25450 मतदाता हैं और दस महिलाएं चुुनाव मैदान हैं। सपा से मोहसिना, कांग्रेस से नजमुन निशा अंसारी, मजलिस से मुमताज जहां, बसपा से नसीम जहां कुरैशी, भाजपा से फरखंदा जबी, आप से कहकशां नाज समेत अफसाना, खुशनुमा, रहमत जहां, सलमा निर्दलीय उम्मीदवार हैं। मतदाताओं के जातिगत आधार की बात की जाए तो करीब नौ हजार शेखजादे, छह हजार अंसारी, साढ़े तीन हजार कुरैशी, साढ़े चार सौ सैफी, पांच सौ दर्जी, चार सौ सुनार के अलावा तेली समाज, मनिहार, सलमानी. मंसूरी, मिरासी आदि मतदाता हैं। गैर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 18 सौ बताई जाती है। बस्ती के लोगों ने बताया कि अधिकांश उम्मीदवार अभी मंच से होने वाले प्रचार के लिए घर से बाहर नहीं निकली हैं। जानकारों का कहना है कि सभी उम्मीदवारों के शौहर (पति) ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। अभी तक रहमत जहां को जरूर क्षेत्र में प्रचार करते हुए देखा गया है। क्षेत्र में प्रचार के लिए लगाई गई फ्लेक्सी में भी उम्मीदवार के फोटो नहीं दिखे, बल्कि उनके पति के फोटो लगे हुए हैं। क्षेत्रवासी अब चर्चा कर रहे हैं कि जीत के बाद नगर पंचायत में फैसले महिला लेगी या उनके पति ? बिन प्रत्याश्ी के चुनाव प्रचार बस्ती में चर्चा का विषय बना हुआ है।