12 अप्रैल 23, मुरादाबाद। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह को कथित तौर पर धमकाने के बाद कानून के शिकंजे में फंसे आजम खां के नजदीकी सपा नेता यूसुफ मलिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बुधवार देर रात उनकी रामपुर जिला कारागार से रिहाई हो गई। जिला कारागार पर मौजूद समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर सपा नेता का इस्तकबाल किया। इस मौके पर यूसुफ मलिक ने कहा कि मेरे और मेरे परिवार के साथ जुल्म किया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि विद्वान न्यायधीश ने उनके साथ हुए जुल्म को समझा और रिहाई का आदेश दिया है। सपा नेता ने रिहाई के बाद आजम खां के घर जाकर मुलाकात की।
परिवार भी फंसा है केस में
आज से करीब एक वर्ष पहले चार अप्रैल को सपा नेता और आजम खां के करीबी माने जाने वाले यूसुफ मलिक ने रामपुर की जेल में समर्पण किया था। ठीक एक साल आठ दिन बीतने के बाद यूसुफ मलिक जेल से बाहर आएं हैं। उन्होंने पिछली ईद जेल में मनाई थी। गौरतलब है कि अपने समधी का डबल फाटक स्थित मकान हाउस टैक्स बकाया होने पर सील करने के बाद नगर आयुक्त को धमकाने के आरोप में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रशासन ने 26 अप्रैल को यूसुफ मलिक को एनएसए में निरुद्ध कर दिया था। इस बीच पुलिस ने सपा नेता पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था और इस मामले में पुलिस ने सपा नेता के कई भाइयों पर भी कार्रवाई की थी। उनके भाइयों की संपत्ति को भी जब्त किया गया था।
यूसुफ बोले-अदालत से मिलेगा इंसाफ
पुलिस-ा्रशासन ने यूसुफ मलिक के सभी अपराधिक रिकार्ड को एकत्र करके एनएसए के तहत कार्रवाई की थी। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनएसए के लिए मजबूत आधार नहीं मानते हुए तत्काल रिहा करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मकान के गृहकर की वसूली के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई करने पर तल्ख टिप्पणी भी की है। बुधवार को कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद रात दस बजे के बाद यूसुफ मलिक को जेल से रिहा किया गया। उनके समर्थक कागारा गेट पर मौजूद थे जिन्होंने फूल माला पहनाईं और कार में बैठाकर ले गए। इस दौरान यूसुफ मलिक ने पत्रकारों से कहा कि उनके व परिवार के खिलाफ सभी मुकदमे झूठे हैं। उनकी संपत्ति भी गलत तरीके से कुर्क की गई है। वह अदालत का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें इंसाफ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी संपत्ति उन्हें दादा से मिली है।