22 फरवरी 23, मुरादाबाद। पुलिस के लिए चुनौती बने चार्टर्ड एकाउंटेंट श्वेताभ तिवारी हत्याकांड में पुलिस को अहम सुराग मिल गया है। कहावत के कि हत्यारे कितने भी शातिर क्यों नहीं हो, मगर वह कुछ न कुछ गलती जरूर करते हैं और वही उनकी गिरफ्तारी की वजह बनती है। बेहद शातिराना अंदाज में श्वेताभ तिवारी को गोलियों से भूनकर फरार होने वाले हत्यारे अभी जिले में हैं और पुलिस का मानना है कि शूटर जिले के ही रहने वाले हैं। इस बीच डीआईजी शलभ माथुर ने भी मंडल के 36 तेजतर्रार कर्मियों को जांच के लिए मैदान में उतारा है। हां, यह बात साफ हो गई कि स्मार्ट सिटी योजना के शहर के विभिन्न चौराहों पर लगाए गए कैमरे व कंट्रोल कमांड सेंटर पहले ही पायदान पर फेल साबित हुआ है और इससे सिर्फ वाहन चालकों के ई-चालान ही होंगे।
किसी भी कैमरे में नहीं फंसे हत्यारे
गौरतलब है कि 21 दिसंबर 22 को मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कंट्रोल कमांड सेंटर का लोकार्पण किया था। सीए श्वेताभ तिवारी के हत्यारों ने बेहद शातिराना और प्लांनिग के साथ मर्डर किया और किसी सीसीटीवी कैमरे में कैद भी नहीं हुए। हैरानी की बात यह है कि शहर के प्रमुख मार्ग दिल्ली रोड पर लोको पुल से पहले और फिर चरण सिंह चौक पर ही कैमरे लगाए गए हैं। अफसरों की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण मानसरोवर और बुद्धि विहार वाले मोड पर कैमरे नहीं है। बहरहाल, कैमरे और ट्रेफिक लाइट बुधवार से शुरू हो गई है और अब ई-चालान भी होने लगेंगे।
एसपी सिटी व सीओ कर रहे निगरानी
बुधवार को एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि अब तक की जांच से सामने आया है कि दोनों हत्यारे जिले के रहने वाले हैं। पुलिस जांच में जिले की सीमाओं पर नाकेबंदी के लिए लगाए गए सीसीटीवी में हत्यारे जिले में आते और बाहर जाते नहीं दिखाई दिए हैं। हत्यारों की तलाश में लगाई गई पुलिस टीमें भी मानती हैं दोनो हत्यारे जिले में ही मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व सीओ सिविल लाइन डॉ. अनूप सिंह इसी मर्डर मिस्ट्री को खोलने पर पुलिस टीमों के साथ जुटे हुए हैं। एसएसपी ने दावा किया है उन्हें जल्द ही कोई लाइन मिल जाएगी और हत्यारे गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। पुलिस को अभी तक श्वेताभ तिवारी के परिवार से कोई सुराग नहीं मिला है।