13 फरवरी 23, मुरादाबाद। छजलैट बवाल में मुख्य आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम को छजलैट प्रकरण में दोषी करार दिया है। विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाकी सभी सात आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है। पंद्रह साल पुराने इस मामले में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो वर्ष की सजा सुनाने के साथ अर्थदंड भी लगाया गया है। इस मामले में पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी समेत सपा के प्रमुख नेता भी आरोपी थे।
बसपा शासनकाल में दिया था धरना
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में बसपा शासनकाल के दौरान छजलैट थाना क्षेत्र में तत्कालीन थानाध्यक्ष आसिफ अली खान द्वारा आजम खान की कार को काले शीशे चढ़े होने के कारण रोका गया था। जिसका आजम खां और अब्दुल्ला आजम खां ने विरोध किया था। 29 जनवरी 2008 को विवाद होने पर आसपास के जनपदों से सपा के नेता मौके पर पहुंचे थे। जिन पर आरोप लगा था कि आम जनता को उकसा कर सड़क जाम कराकर बवाल किया और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की। पुलिस की तरफ से नौ लोगों पर केस दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक महबूब अली, पूर्व मंत्री मनोज पारस, पूर्व विधायक नईम उल हसन, हाजी इकराम कुरैशी, निर्वतमान जिलाध्यक्ष डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति, राजेश यादव को भी आरोपी बनाया गया था।
रात आठ बजे के बाद सुनाई सजा
खबर मिली है कि विद्वान न्यायधीश स्मिता गोस्वामी ने शाम साढ़े पांच बजे के बाद फैसला सुनाना शुरू किया। उन्होंने आजम खां और अब्दुल्ला आजम के अतिरक्त सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया। उसके बाद वह अपने कक्ष में चली गईं। विधायक महबूब अली, पूर्व मंत्री मनोज पारस, पूर्व विधायक नईम उल हसन, हाजी इकराम कुरैशी, निर्वतमान जिलाध्यक्ष डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति, पूर्व सहकारी बैंक चेयरमैन राजेश यादव को बरी कर दिया गया है। राजेश यादव के अधिवक्ता गोपालशील भटनागर रहे। फैसला सुनाने के दौरान सभी आरोपियों को अदालत में तलब किया था। विद्वान न्यायधीश ने रात करीब आठ बजे के बाद आजम खां और अब्दुल्ला आजम खां को दो-दो साल की सजा का सुनाई है। अदालत ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने के बाद आजम और अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी भी लगा दी है।
अदालत ने हाथों-हाथ दी जमानत
अदालत के आदेश के बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी पर तलवार लटक गई है। खबर मिली है कि अदालत ने आजम खां को एक धारा में दो वर्ष और एक मामले में छह माह की सजा सुनाई है जबकि अब्दुल्ला आजम को एक धारा में दो वर्ष व एक मामले में एक महीने की सजा दी है। अदालत ने दोनों की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए जमानत दे दी है। वकील प्रदीप सिंहा का कहना है कि दो साल की सजा होने पर विधायकी जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष की सजा होने पर अदालत हाथों-हाथ जमानत दे सकती है।विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विशनोई ने बताया कि छजलैट प्रकरण में दोषी करार दिए गए आजम खान व अब्दुल्ला आजम को धारा में 353 में दो वर्ष की सजा और दो हजार रुपए जुर्माना, धारा 341 में एक माह की सजा और पांच सौ रुपये जुर्माना, धारा में 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट में छह माह की सजा पांच सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई हैं। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। वहीं विधायक व पूर्व मंत्री महबूब अली, विधायक मनोज पारस एवं सहित सभी सात आरोपितों को बरी कर दिया गया हैं।