अतिक्रमण पर सियासत : लीजिये टूटने लगा इस्लामिया मुसाफिरखाना, कांग्रेस बोली-बुधबाजार के व्यापारियों में भय
Politics on encroachment: Islamia Musafirkhana started collapsing, Congress bid – fear among traders of Budh Bazar
23 जनवरी 23, मुरादाबाद। स्मार्ट सिटी के तहत शहर को खूबसूरत बनाने की मुहिम के तहत बुधबाजार में तोड़े जा रहे अतिक्रमण पर अब सियासत गर्माने लगी है। पंजाबी समाज की नाराजगी सामने आने के बाद शिवसेना ने बीते दिनों विरोध प्रदर्शन किया था और अब कांग्रेस ने नगर आयुक्त से मुलाकात करके व्यापारियों में विश्वास बहाल करने की मांग उठाई है। इस बीच रेलवे स्टेशन के सामने इस्लामिया मुसाफिर खाने की बिल्डिंग को भी प्रबंध समिति ने तोड़ना शुरू कर दिया है।
मुसाफिरखाने को किया जाएगा नौ फीट पीछे
मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के सामने स्थित इस्लामिया मुसाफिर खाना करीब 137 वर्ष से अधिक पुराना है। बाहर से आने वालों को मामूली कीमत पर ठहराने की व्यवस्था करने वाले मुसाफिरखाने को करीब नौ फीट पीछे करना है। संचालन समिति का कहना है कि मुसाफिरखाना सरकारी भूमि पर नहीं बना है, लेकिन यातायात संचालन और जनता की सुविधा के लिए वह अपने भवन को तोड़ने के लिए रजामंद हुए हैं। बताया जाता है कि करीब बीस दुकानें प्रभावित होंगी। प्रबंधक शकील शम्सी का कहना है कि तोड़फोड़ का कार्य तेजी से चल रहा है और करीब बीस दिन में मुकम्मल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि कमेटी ने अफसरों से बातचीत के बाद मुसाफिरखाने को पीछे करने का फैसला लिया है। इस बीच बुध बाजार में भी दुकानों और बिल्डिंगों को तोड़ने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। याद रहे कि बुधबाजार से अतिक्रमण हटाने की शुरुआत नगर निगम ने 16 जनवरी से र्की थी। वैसे तो करीब एक महीने पहले से व्यापारी अपने अतिक्रमण को स्वयं हटा रहे थे। बुलडोजर की चोट से व्यापारी की पत्नी की आंसू छलक आए थे और एक व्यापारी तो सड़क पर लेट गया था। इस दौरान दो व्यापारियों और नगर निगम टीम के बीच मारपीट भी हुई थी। तबसे लगातार व्यापारी अतिक्रमण को तोड़ रहे हैं।
व्यापारियों से सीधी बात करें निगम अधिकारी
बेबस व्यापारियों की आवाज उठाने के लिए शिवसेना ने दो दिन विरोध किया था। सोमवार को कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने नगर आयुक्त से मुलाकात की। अध्यक्ष अनुभव महरोत्रा ने कहा कि बुध बाजार में अतिक्रमण हटाने से व्यापारियों में रोष व्याप्त है तथा निगम की कार्य प्रणाली को लेकर भय की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि निगम अधिकारियों और व्यापारियों के बीच सीधी वार्ता होनी चाहिए जिससे व्याप्त दुविधा का निराकरण हो सके। किसी व्यक्ति का संस्थान प्रभावित हो तो उसे रोजगार हेतु अन्य स्थान उपलब्ध कराया जाए। व्यापारियों का उत्पीड़न करने पर प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी ह। इस दौरान आनन्द मोहन गुप्ता, पार्षद शिवराज सिंह गुर्जर, मोहम्मद शमी, अरशद परवेज, पार्षद शमशेर अली, पार्षद कमर सलीम, जईम चौधरी, कबीर अहमद, रिहान खान, अनिल गुर्जर, सोनी सैफी, विवेक गुप्ता, नरेंद्र सैनी आदि शामिल रहे।