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दिल्ली फेयर स्प्रिंग-24 : मंदी से उबरने की छोटी सी आशा जगी, 2300 करोड़ के बिजनेस की उम्मीद

Delhi Fair Spring-24: Slight hope of recovery raised from recession, hope of business worth Rs 2300 crore

11 फरवरी 24, ग्रेटर नोएडा। वैश्विक मंदी में घिरे में निर्यातकों को उपहार मेला स्प्रिंग-2024 से छोटी से आशा जगी है। ईपीसीएच की तमाम कोशिशों और विदेशी ग्राहकों के सकारात्मक रुख से वर्ष 2024 में मंदी के बादल छंटने की संभावनाएं बढ़ती हुई दिखाई दी हैं। ग्राहकों की तादाद कम, लेकिन बिजनेस को लेकर सीरियस दिखे ग्राहकों ने संकेत दिया है कि इस वर्ष हस्तशिल्प के निर्यात में थोड़ा सुधार संभव है। इस बीच आयोजकों ने दावा किया है कि विदेशी ग्राहकों की पूछताछ अने वाले समय में करीब 23 सौ करोड़ का व्यापार बनेगा। मंदी से जूझते निर्यातकों ने फेयर को तय समय से पहले आयोजित करने पर भी सवाल उठाए हैं।

मेले में ग्राहक को उत्पाद दिखाते अनूप शंखधार।

फेयर डेट्स पर मंथन जरूरी

इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में शनिवार को संपन्न हुए पांच दिवसीय मेले में प्रतिभाग कर रहे मुरादाबाद के निर्यातकों का कहना है कि मेले में ग्राहकों की संख्या उम्मीद से कम रही जिससे कारोबार भी आशा के अनुरूप नहीं हो सका। सरदार जेपी सिंह का कहना है कि ग्राहकों की संख्या कम होने के बीच सुखद यह है कि बायर्स सीरियस हैं। उन्होंने कहा है कि रेग्युलर ग्राहकों ने उत्पाद सलेक्ट किए हैं। वह मानते हैं कि वक्त के साथ उत्पाद डिजाइन बदलना जरूरी है। एनटीसी के अखलद शम्सी कहते हैं कि बीते वर्ष से इस वर्ष कारोबार में सुधार की संभावना है, ऐसा ग्राहकों के रुख से साफ प्रतीत होता है। पैरागॉन के अजय गुप्ता मानते हंै कि मेले का आयोजन फरवरी के पहले सप्ताह में करने के फैसले पर आयोजकों को फिर विचार करना चाहिए। हक ब्रदर्स के इकरामुल हक बताते हैं कि दुनिया में मंदी का दौर है फिर भी मेले से बिजनेस के लिए सकारात्मक संकेत मिले हैं।

मेले में ग्राहक को उत्पाद दिखाते दानिश वारसी व नाजिश वारसी।

गुलाटी एक्सपोर्ट के विविध गुलाटी मानते हैं कि जून-जुलाई तक कारोबार में और सुधार की संभावनाएं है। वह बताते हैं कि अमेरिकी बैंकों में रेपो रेट कम होने से बिजनेस फिर तेज होगा। ईस्ट कोस्ट के अहमद सादात भी कहते हैं कि मंदी के बादल घंटने की उम्मीद है, लेकिन रफ्तार अभी बहुत कम है। आशुतोष शंखधार भी बेहतर परिणाम के लिए मेले की तारीखों पर पुर्नमंथन की जरूरत बताते हैं। सी लाइन के नदीम खां का मानना है कि विदेशों में चल रहे मेलों से तारीखों का टकराव नहीं होता तो विदेशी ग्राहकों की संख्या और अधिक होती। ग्लोब एक्सपोर्ट के ऋषि कहते हैं कि मेले की तारीखों में फेरबदल नहीं होना चाहिए, क्योंकि बायर्स साल भर का प्लान तैयार करके कार्य करते हैं। आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने न्यूज रनवे से बातचीत में कहा है कि फैंकफुर्त फेयर जल्दी होने के कारण ज्यादा बायर्स के आने और अच्छे कारोबार की उम्मीद में मेले की तारीख में परिवर्तन किया गया था। उन्होने कहा है कि निर्यातकों से मिले फीडबैक के आधार पर अगले मेले का आयोजन किया जाएगा।

जफर इस्लाम बोले-करेंगे पूरा सहयोग

समापन समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व सांसद सैयद जफर इस्लाम रहे। उन्होंने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) का नया लोगो, ब्रांड बुक और डिजाइन कनेक्ट लांच किया। उन्होंने डॉ. राकेश कुमार और आरके वर्मा की शानदार आयोजन के लिए सराहना करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गुणवत्तार्पूण व विविध रंगों से सजे नक्काशी उत्पाद तैयार करने के लिए नियातकों व कारीगरों की प्रशंसा करते हुए सरकारी की तरफ से निर्यात बढ़ाने के लिए हरसंभव सहयोग करने का वादा किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष तरूण राठी ने कहा कि निर्यातकों पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल फार ग्लोबल के सपने को पूरा करने में जीजान लगा दी है। समापन समारोह में ईपीसीएच अध्यक्ष दिलीप बैद, कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा, लघु उद्योग भारती लखनऊ के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा, अतिरिक्त डीजीएफटी अनिल अग्रवाल आदि शामिल रहे। स्वागत समिति अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल ने बताया कि लगभग 112 देशों के 5675 खरीदार और खरीद प्रतिनिधियों ने मेले का दौरा करके उत्पादों को देखा है। उन्होंने बताया कि मेले में 2300 करोड़ रुपये की व्यावसायिक पूछताछ हुई जो भविष्य में आर्डर बनेगी। समापन समारोह में निर्यातकों को बेस्ट स्टाल का पुरस्कार भी दिया गया।

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