
सलाहउददीन मंसूरी।
11 अक्टूबर 23, मुरादाबाद। आल इंडिया पसमांदा समाज के अध्यक्ष हाजी सलाहउद्दी मंसूरी के उठाए गए सवालों पर यूपी की सरकार गंभीर हो गई है। बकौल, सलाहउद्दीन-यूपी शाासन की तरफ से बुधवार को उन्हें दो फोन आए और उन्होंने फोकस स्कीम और दस्तकारों के उत्थान पर जानकारी एकत्र की है। याद रहे कि सलाहउद्दीन मंसूरी ने पसमंदा समाज की समस्याओं को बीते दिन पत्रकारों के सामने उठाया था।
पसमांदा समाज को दिया जाए संरक्षण
पत्रकार वार्ता में सलाहउद्दीन मंसूरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हैदराबाद में पसमांदा मुसलमान के उत्थान की जो बात कही थी उसने देश के 85% आबादी वाले पसमांदा मुसलमानो में स्फूर्ति एवं जोश भर दिया है। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों की मंसूरी, अंसारी, कुरेशी, शाह, सिद्दीकी, राइनी, अल्वी, मलिक, सलमानी, लोहार, सैफई, हवाई, धोबी, भुर्जी आदि बिरादरियों की जनसंख्या करीब 82 फीसदी है। केंद्र और राज्य सरकारों की उपेक्षा के चलते पसमांदा समाज के पुश्तैनी कारोबार समाप्त हो गए हैं जिसे उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।उन्होंने उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में कपूर्री ठाकुर फामूर्ला के अनुसार अन्य पिछड़े वर्ग कोटा में अति पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था लागू करने, लघु उद्योग को विकसित करने, अल्पसंख्यकों के विकास हेतु आवंटित बजट का 80% पसमांदा समाज के शैक्षिक सामाजिक एवं आर्थिक विकास पर खर्च करने, पसमांदा मुसलमान के संरक्षण के लिए कानून बनाने, पसमांदा मुसलमान के कारोबार पर उचित नीतिया बनाने, विशेष व्यावसायिक, तकनीकी एवं औद्योगिक प्रशिक्षण देने, वक्फ संपत्तियों को पसमांदा मुसलमानों को बेहतरी के लिए इस्तेमाल करने, पसमांदा मुसलमानों को बैंकों से आसानी से धन उपलब्ध कराने, पसमांदा मुस्लिम के उत्थान के लिए विशेष कार्य योजना बनाने, पसमांदा समाज के व्यापारियों को जीएसटी में विशेष छूट देने, हस्तशिल्प निर्यातकों को अनुदान देने, आने वाले लोकसभा चुनाव में पसमांदा समाज को राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए टिकट देने की मांग उठाई गई है।