26 जून 23, मुरादाबाद। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित आधुनिक शहर को पहले प्रयास में ही झटका लगा है। मुविप्रा के आधुनिक शहर बनाने के ऐलान के दो दिन बाद ही किसानों ने विकास प्राधिकरण कार्यालय में हंगामा करते हुए जमीन नहीं देने के नारे लगाए हैं। इस बीच मुविप्रा सचिव राजीव पांडे ने कहा है कि भूमि किसानों से आम सहमति के आाधार पर ली जाएगी। किसा अगर जमीन नहीं देता है तो उसे नियमानुसार डेवलपमेंट चार्ज देना होगा और नक्शा भी पास कराना होगा।
इन गांवों की जमीन लेगा मुविप्रा
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने ग्यारह गांवों की भूमि सहमति के आधार पर लेकर आधुनिक शहर बसाने की योजना बनाई है। उपाध्यक्ष श्ैलेष कुमार सिंह ने बताया था कि योजना के तहत डिडोरी, डिडोरा, चौधरपुर, खदाना, रसूलपुर सुनवाती, सोनकपुर, भीमाठेर, लोधीपुर, जवाहरनगर, सलेमपुर बांगर, शाहपुर तिगरी, सिंकदरपुर गांवों की करीब 1250 हेक्टेयर जमीन आम सहमति के आधार पर ली जाएगी। आधुनिक शहर में मेडीसिटी, एजुकेशान सिटी, हंडीक्राफ्ट सिटी, आईटी सिटी भी बनाने का प्रस्ताव है। साथ ही रिवर फ्रंटएम्यूजमेंट पार्क, व्यवसायिक सेक्टर व पर्यटन स्थल भी विकसित किए जाएंगे। उन्होंने साफ कहा था कि जमीन की खरीद किसानों से होगी और नियमानुसार सर्किल रेट से अधिक का भुगतान किया जाएगा।
किसानों का ऐलान-लंबा होगा संघर्ष
सोमवार को सैकड़ों किसान भाकियू के नेतृत्व में मुविप्रा कार्यालय आए और जोरदार नारेबाजी की। किसान किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देने के नारे लगा रहे थे। किसान नेताओं ने कहा कि मुविप्रा का फैसला उचित नहीं है। किसानों की जमीन जबरन लेने की कोशिश करने पर उन्होंने हिंसा की आशंका जताई है। किसान नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसानों ने कहा कि इस मुद्दे पर लंबे संघर्ष को तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि अफसर किसानों की समस्याओं को समझें और जमीन लेने की प्रक्रिया को खत्म करें। किसान नेताओं ने कहा है कि वह डीएम और मंडलायुक्त से मिलकर किसानों की जमीन नहीं लेने का आग्रह करेंगे। इस बीच मुविप्रा सचिव राजीव पांडे ने कहा कि किसानों से जमीन आम सहमति से अधार पर ली जानी है, जो किसान जमीन नहीं देगा उससे जबरदस्ती नहीं की जाएगी।