31 मार्च 23, मुरादाबाद। यूपी में बेमौसम बारिश के बीच केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विदेश व्यापार नीति 2023 की घोषणा करते हुए यूपी और खासकर मुरादाबाद पर तोहफों की बारिश कर दी है। पांच वर्ष के लिए घोषित नई नीति में विदेश व्यापार को वर्ष 2030 तक दो ट्रिलियन तक ले जाने के लक्ष्य तय करने के साथ लक्ष्य को हासिल करने के तमाम सुविधाएं दी गई हैं। नई विदेश व्यापार नीति में सर्वाधिक सुविधाएं यूपी को देने का एलान किया गया है जिसमें मुरादाबाद समेत तीन शहरों को टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (टीईई) की श्रेणी में रखा गया है। सरकार इन शहरों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने निर्यात की क्षमताएं बढ़ाने के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
एसईजेड को किया जाएगा और आधुनिक
नई विदेश व्यापार नीति के तहत इंसेंटिव रिजीम से रिमीशन रिजीम की तरफ ले जाने का प्रयास, लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) के लिए आवेदन शुल्क को 50 फीसद कम करने, निर्यात को मान्यता के लिए थ्रेशोल्ड को कम करने, भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने, निर्यात वाले क्षेत्रों को टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (टीईई) बनाने, कंपिटेटिव और क्वालिटी एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इन्सेंटिव देने, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन करने, एसईजेड को और सुविधाजनक बनाने का फैसला लिया गया है। चार शहरों को टीईई की श्रेणी में रखा गया है जिसमें फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिजार्पुर और वाराणसी शामिल हैं। योजना के तहत ई-कार्मस और नए एक्सपोर्ट हब भी तैयार किए जाएंगे।
टीईई शहरों में बढ़ाएंगे उत्पादन-बिक्री क्षमता
हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईपीसीएच) अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि नई नीति प्रगतिशील और दूरदर्शी है। उन्होंने मुरादाबाद समेत सभी शहरों को टीईई बनाने की घोषणा का स्वागत किया और कहा है कि अब इन क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हस्तशिल्प क्लस्टर बढ़ेंगे और वर्ष 2023-24 में हस्तशिल्प वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि होगी और क्षेत्र का चौतरफा विकास होगा। उन्होंने कहा है कि टीईटी शहरों को विपणन, क्षमता के लिए बढ़े हुए वित्तीय प्रावधान के लिए पात्र बनाया जाएगा। विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत भवन और बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, निर्यात सीमा को युक्तिसंगत बनाने, ई-कॉमर्स निर्यात और कूरियर के माध्यम से निर्यात बढ़ाने, छोटे ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए प्रशिक्षण, इनपुट-आउटपुट मानदंडों के निर्धारण के लिए स्व-पुष्टिकरण योजना के लाभ को बढ़ावा, प्रचार योजना में समय सीमा में कमी और एए और ईपीसीजी के तहत एमएसएमई के लिए शुल्क में कमी होगी।