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आम बजट के खिलाफ प्रदर्शन : कांग्रेसी बोले-सबका साथ सबका विकास का नारा बेमानी, अल्पसंख्यक विरोधी है केंद्र सरकार

Demonstration against the general budget: Congressman said - everyone's support, everyone's development slogan is redundant, the central government is anti-minority

07 फरवरी 23, मुरादाबाद। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट में कटौती करने के खिलाफ अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस कमेटी की जिला एवं महानगर इकाई के संयुक्त तत्वाधान में प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित करने की साजिश करार दिया है।

छात्रों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश

मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष अफजल साबरी ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में अल्पसंख्यक विकास के लि आवंटित धनराशि में कटौती करने से केंद्र सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा कोरा जुमला साबित हुआ।

उन्होंने कहा है कि अल्पसंख्यक वर्ग के विकास हेतु बजट को बढ़ाने के बजाय 38 फीसदी की कटौती कर दी गई है जो केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक विरोधी सोच को उजागर करती है।

उन्होंने कहा कि कई छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाओं को अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए पेशेवर और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता सहसाधन छात्रवृत्ति सहित प्रमुख फंड को बजट मे कटौती मिली है। इस साल योजनाओं को 44 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं,

जबकि पिछले साल इसके लिए बजट 365 करोड़ रुपये रखा गया था। 2022-23 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए बजट अनुमान 5,020.50 करोड़ रुपये था जो इस बार 3,097 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

अल्पसंख्यकों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी घटा दी है। स्कॉलरशिप और कौशल विकास योजनाओं के लिए फंड में कटौती हुई है जिसमें स्टूडेंट्स के लिए प्रोफेशनल और टेक्निकल कोर्स के लिए स्कॉलरशिप भी शामिल है।

मुरादाबाद कलेक्ट्रेट में बजट के खिलाफ प्रदर्शन करते कांग्रेसी।

मदरसों के साथ भी पक्षपात किया बजट में

कांग्रेस ने कहा है कि मदरसों में आधुनिक विषयों को शामिल करने, शिक्षक प्रशिक्षण और अल्पसंख्यक संस्थानों में स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की बात करने वाली मोदी सरकार ने मदरसों की वित्तीय सहायता के रूप में बजट में मात्र 10 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

जबकि वित्त वर्ष 2022-2023 में मदरसों और अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजना के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। वक्ताओं ने कहा कि बजट से साबित होता है कि सरकार अल्पसंख्यक समाज को शिक्षा से दूर रखना और उनकी तरक्की के सभी रास्ते बन्द करना चाहती है।

उन्होंने मांग की है कि बजट मे की गई कटौती को रोका जाए। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद, इरशाद हुसैन, पार्षद मोहम्मद जुनेद, पूर्व पार्षद सैयद मोअज्जम अली, मोहम्मद नाजिम, शहजाद खा, गयूर अंसारी, मौहतिसतम मुख्तार, राजेंद्र वाल्मीकि, भयंकर सिंह बौद्ध, सरफराज सिद्दीकी, कामिल मंसूरी, मोहम्मद अहमद, जितेंद्र सागर, सुहाना फातमा, दानिश अंसारी, सलीम खान, अफसर अली आदि रहे।

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