
डीपी यादव का फाइल फोटो।
08 जून 24, मुरादाबाद। शनिवार का दिन वरिष्ठ सपा नेता और हमेशा चेहरे पर मुस्कान रखने वाले धर्मपाल सिंह यादव उर्फ डीपी यादव के परिवार पर संकट लेकर आया। सुबह करीब साढ़े नौ बजे सपा नेता ने स्वयं को कमरे में बंद करके लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर अत्माहत्या कर ली। मिलनसार और व्यवहारकुशल डीपी की मौत की खबर सुनकर हर कोई स्तबंध रह गया। देखते ही देखते खबर फैल गई और सपा नेताओं की डीपी के आवास पर भीड़ लग गई। सूचना से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया और एसएसपी समेत तमाम अफसरों ने मौका मुआयना किया है। एसएसपी हेमराज मीणा ने परिवारजन से पूछताछ के आधार पर बताया कि तीन महीने से डिप्रेशन में थे।

नहीं मिला सुसाइड नोट
शहर के थाना मझोला क्षेत्र की बुद्धि विहार कालोनी में रहने वाले डीपी यादव पुराने सपा कार्यकर्ता रहे। प्रोफेसर रामगोपाल यादव के करीबी माने जाने वाले डीपी यादव को चुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। बताया जाता है कि अपने आवास के ग्राउंड फ्लोर पर बने छोटे कमरे में उन्होंने लाइसेंसी रिवाल्वर से अपनी कनपटी पर गोली मार ली। इनरवियर में संदिग्ध परिस्थितियों में उनके आवास के ग्राउंड फ्लोर के कमरे में शव मिलने से हड़कंप मच गया और परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया। फोरेंसिक टीम के साथ पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए हैं। खबर फैलते ही आवास पर लोगों की भीड़ भी जुटनी शुरू हो गई। जांच के दौरान पुलिस ने मकान के अंदर लोगों को जाने से रोक दिया है।इस दौरान पूर्व सांसद डा. एसटी हसन, विधायक समरपाल सिंह, पूर्व विधायक हाजी रिजवान, जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, पूर्व सांसद वीर सिंह, पूर्व विधायक राजीव चन्ना, पूर्व जिलाध्यक्ष अतहर अंसारी, अधिवक्ता अमीरुल हसन जाफरी, ऋषि पाल सिंह, फिजा उल्ला चौधरी समेत जिले के छोटे बड़े नेता और रिश्तेदार आवास पर पहुंच गए हैं।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
एसएसपी हेमराज मीणा ने मौका मुआयना किया और परिजनों से बातचीत की। उन्होंने मीडिया को बताया कि घटना करीब साढेÞ नौ बजे की है। भूतल पर बने छोटे कमरे में डीपी यादन ने लाइसेंसी रिवाल्वर से सीधी तरफ कान से थोड़ा ऊपर सटाकर गोली मारकर आत्महत्या की है, रिवाल्वर मौके पर मिल गया है। उन्होंने बताया कि फारेंसिक टीम जांच कर रही है, अभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि परिवार वालों से जानकारी मिली है कि वह तीन महीने से मानसिक तौर पर परेशान थे, उनका उपचार दिल्ली में कराया जा रहा था। वह फिजिकल तौर पर भी बीमार थे इसलिए परिवार उन्हें हरिद्वार भी लेकर गया था। उन्होंने बताया कि सभी चीजों की बारीकी से जांच की जा रही है। दूसरी तरफ पुलिस टीम आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल रही है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें जिलााध्यक्ष पद से हटाकर जयवीर यादव को जिले की कमान सौंपी गई थी।
नौकर के आने पर पता चला मौत का
परिवार वालों का कहना है की डीपी यादव तीन महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे। सुबह सात बजे घर में सफाई करने वाली आई थी तभी दरवाजा डीपी यादव ने खोला था और कुछ देर बाद मोबाइल बजा और सामने वाले कमरे में चले गए थे। मोबाइल पर बात होने के बाद साइड वाले कमरे में चले गए और थोड़ी देर बाद लाइसेंसी रिवाल्वर से कनपटी पर लगाकर गोली मार ली। घटना के करीब एक घंटे बाद जब नौकर आया उसे बाबूजी नहीं मिले। उसने बंद कमरे को खटखटाया और दरवाजा नहीं खुला। उसने पर दरवाजे पर लात मारी तो दरवाजा खुल गया उसने देखा कि बाबूजी बेड पर खून में लथपथ पड़े थे। उसने चीख मारी तो परिवार के लोग मौके पर आए। एसएसपी हेमराज मीणा, एसपी ट्रैफिक सुभाष गंगवार, सीओ सिविल अर्पित कपूर आदि पहुंच गए।